दर्शनशास्त्र दो दिन का जग, सब चला-चली का खेल… September 26, 2024 दो दिन का यह जग, सचमुच चला-चली का खेल है। दुनिया में आए हैं तो एक दिन सभी को जाना सुनिश्चित है। यह बात हम सभी जानते हैं, सुनते हैं,...
आत्म-जागरूकता, समाज जीवन संघर्ष और निष्ठा के प्रति कि युवाओं की प्रेरणा राम September 26, 2024 तुलसीदास जी को सामान्यतः भक्ति काव्य के कवि माने जाते हैं, और यह सत्य भी है। किन्तु, केवल इतना ही मान लेना उनके काव्य के साथ न्याय नहीं होगा। उनके...
समाज चाइल्ड फ्री लाइफस्टाइल: एक बदलता हुआ नज़रिया September 18, 2024 किसी भी घर-आँगन में बच्चे का जन्म दुनिया की सबसे बड़ी खुशियों में से एक माना जाता है। इसे कुदरत का अनमोल वरदान समझा जाता है। बड़े-बुजुर्ग अक्सर यही आशीर्वाद...
आत्म-जागरूकता भौतिकता से परे: संतोष की सच्ची तलाश August 22, 2024 दिखावा और मान्यता की चाहत हमें और भी अकेला बना देती है। हम जितना अधिक दूसरों से प्रेम और स्वीकृति की उम्मीद करते हैं, उतना ही हम उनसे दूर होते...
आत्म-जागरूकता अच्छे बनो, बिना किसी भय के August 9, 2024 गीता में जहाँ गुणातीत महापुरुष के लक्षण दिए गए हैं, वहाँ बताया गया है कि जो व्यक्ति सुख और दुख दोनों में समान रहता है, वह वास्तव में स्थिरबुद्धि और...
आध्यात्मिकता क्या हमें भगवान की ज़रूरत होती है? August 8, 2024 आज के समय में, जब हमारे गुरु या भक्तजन हमसे कहते हैं कि भगवान का भजन कीजिए या राम नाम का स्मरण कीजिए, तो लोग पूछते हैं, “हमें भगवान की...